Article 370: सुप्रीम कोर्ट के फैसले में आर्टिकल 370 हटाना संविधानिक रूप से वैध, जानियें जम्मू-कश्मीर में नए परिवर्तन की बड़ी बातें

Article 370: आज सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 पर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस महत्वपूर्ण निर्णय के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने यह साबित किया कि इस फैसले से जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया में मजबूती आई है, और यह संवैधानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

Article 370 Verdict : सुप्रीम कोर्ट ने आज (11 दिसंबर) अपने ऐतिहासिक फैसले में अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि Article 370 को हटाने की प्रक्रिया संवैधानिक रूप से सही थी और जम्मू-कश्मीर को बाकी भारत के साथ जोड़ने में मजबूती आई है. इसके परिणामस्वरूप, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा और नए परिसीमन के आधार पर 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव करवाए जाएंगे. लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र के रूप में बनाए रखा जाएगा. यह फैसला बातचीत के 16 दिनों के बाद किया गया था और मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ एवं अन्य चार न्यायाधीशों ने संविधान पीठ से इसे सुनाया.

कोर्ट ने क्या कहा Article 370 के विषय में

मुख्य न्यायाधीश (CJI)  ने विचार किए गए मुख्य सवालों पर यह कहा कि हमने उस समय राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन पर कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 356 में राष्ट्रपति को विशेष शक्तियां हैं और उन्हें इस्तेमाल करना संविधान के अनुसार सही है। स्थिति के अनुसार, राष्ट्रपति शासन लगाना उचित हो सकता है। इसके दौरान, केंद्र सरकार को राज्य सरकार की जगह फैसले लेने का अधिकार होता है और संसद राज्य विधानसभा की भूमिका निभा सकती है।

कोर्ट ने ऐलान किया कि जब राजा हरि सिंह ने भारत के साथ जुड़ा विलय समझौता किया, तो उसका अर्थ था कि जम्मू-कश्मीर की स्वायत्ता समाप्त हो गई और यह भारत का हिस्सा बन गया। इससे स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर अब भारत का अभिन्न हिस्सा है। भारतीय संविधान को मान्यता मिलती है और इसे जम्मू-कश्मीर के संविधान से उच्च माना जाता है।

आर्टिकल 370 हटाना संवैधानिक रूप से हुआ वैध

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति को जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 पर कोई आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं थी, जो संविधान सभा की सिफारिश के बाद होता। इसके बजाय, 370 को हटाने के बाद, नई व्यवस्था ने जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ मजबूती से जोड़ने की प्रक्रिया को सुगम बना दिया है। उन्होंने कहा कि Article 370 को हटाना संवैधानिक रूप से वैध है।

कोर्ट में किसकी तरफ से किसने दी है दलील

कोर्ट में, एटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी, वी गिरी, और अन्यों ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले की पैरवी की। वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन, जफर शाह, दुष्यंत दवे, और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें पेश की है ।

दोगुनी हुई जीएसडीपी

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद, यहां चार सालों में न केवल सकल राज्य घरेलू उत्पादन (जीएसडीपी) डबल हो गया है, बल्कि कई अद्भुत आर्थिक परिवर्तन भी देखे जा रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जीएसडीपी दोगुना होकर 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जो कि अगस्त 2019 में Article 370 के समाप्त होने से पहले 1 लाख करोड़ रुपये थी।

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